मैं १८ साल का था। मेरी पड़ोसी, उसका नाम प्रियंका था । मैं उसकी ओर देखते ही आकर्षित हुआ था। प्रियंका बहुत ही गोरी, स्लिम और सुंदर लड़की थी। जब भी हमारी नज़रें मिलती थी वो मुझे बहुत स्वीट स्माईल दे। मुझे धीरे धीरे ये एहसास होने लगा कि वो भी मुझे चुदना चाहती है। हमारे परिवारों में अच्छे रिश्ते थे। इसलिये वो हमारे घर रोज
आया करती थी।गर्मी की छूट्टियाँ करने वो अपने बड़े भाई राहुल के साथ दिल्ली अपने नानी के घर जाने वाली थी। मेरी मम्मी ने प्रियंका और उसके भाई को लंच के लिये बुलाया। लंच से पहले हमने चेस खेले। मेरी नज़र प्रियंका पर ही थी। उसे भी इस बात का पता चला और वो शर्माने लगी। उसने पिंक कलर की स्लीवेलेस और स्कर्ट पहनी थी और उसमे और भी फेयर और सुंदर लग रही थी। मैं ने शोर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी। वो मेरी और देख कर ही मुस्करा रही थी। उसे देख कर शोर्ट के अंदर मेरा लंड टोवर जैसा खड़ा हुआ। मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। लंच के बाद मैं ने उसे अपने कॉमिक्स, स्टोरी बुक्स रीडिंग के लिये दिये। तभी उसके भाई को किसी ने फ़ोन किया तो कुछ काम से घर चला गया।मेरी मम्मी बेडरूम मैं आराम करने गयी। मैं और प्रियंका अकेले थे.डायनिंग हॉल में। मैं उसके करीब सोफ़ा सेट पे बैठा था। उसे मैं प्यार भरी निगाहों से देख रहा था। उसने मुझे प्यार भरी कहानी के बारे में कुछ सवाल करने लगी . और मैं ने उस पल उसके पास गया और उसके गाल को किस किया। उसको किस करने पर मुझे लगा के मैं हवा में हूं। उसने अपनी आंखें बंद की और मैं ने उसे फिर से चूमा किया। अब की बार बहुत ही जोश और जोर से । मैने उसे अपनी बाहों में लिया और उसे सोफ़े पे लिटाया। वो भी बहुत एक्साइटेड थी। हमारे दोनो के लिये पहली बार था।उसने बहुत प्यार से मेरे बाल को अपने हाथों से संवारा और मेरे माथे को चूमा। बस उसके बाद हम दोनो पर ऐसा जुनून छा गया कि समझ में नहीं आ रहा कि क्या कहू । मैं उसके ऊपर लेता और उसे चूमने चाटने लगा। उसने मेरी शोर्ट्स के अंदर हाथ डाला और मेरा लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया और उसके साथ खेलने लगी। मैने अपनी शोर्ट उतार दी और उसने मेरा लंड अपने मुंह में डाल दिया। वो उसे सक करने लगी। अब उसे और भी नशा चढ़ा। मैने धीरे से उसका स्कर्ट निकाल दिया, उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके बूब्स को चूसने लगा। वो बहुत ही एक्साइट हो रही थी और आवाज़ें कर कह रही थी "ओह माय डार्लिंग!
मैं उसके बदन के हर हिस्से हो किस कर रहा था।। अब मैं उसके चूत की और आया और उसे कस कर किस किया। मैं उसकी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था। वो अब ओर्गास्म के करीब पहुंच हो रही थी। मैं ने अपनी उंगली से उसकी चूत में डाली और वो एकदम से झड़ गयी। अब मैने अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला।
वो एकदम कुंवारी थी. वो बहुत तेज़ चिल्लाने लगी। उसे दर्द हो रहा था। मैने उसे शांत किया और रिलेक्स होने दिया। धक्के देकर मैं धीरे धीरे अपने बड़े से लंड को उसकी चूत में अंदर डाला। वो आनंद से चिल्लायी और मुझे किस करती रही। मैं भी चिल्लाने लगा "मैं तुम्हारे लिये कुछ भी करूंगा"। उसके बाद हम दोनो एक घंटे तक एक दूसरे की बाहों में सोये और फिर उसकी मम्मी ने जब उसे आवाज़ दी तो वो जल्दी से कपड़े पहन कर के निकल पड़ी....
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