September 23, 2014

sex of sonam

बात तब से शुरू होती है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी।
मेरी दो सालियाँ हैं। एक की उम्र दस वर्ष के करीब है तथा दूसरी की उम्र 18 थी। मेरी बड़ी साली का नाम सोनम है। उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की थी और जिसका रिजल्ट भी मैंने ही देख कर उसको पास होने की खुशखबरी दी थी।
उस वक्त तक मेरे दिल में मेरी साली के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन रिजल्ट के बारे में सुनकर उसको ऐसा लगा, जैसे मेरी तरफ से उसको कोई कुबेर के खजाने का पता मिल गया हो। उसी वक्त से वो मुझे कुछ अलग ही नजरिये से देखने लगी।
इन बातों को एक वर्ष बीत चुका था। एक बार मैं अपनी ससुराल में एक शादी में गया जिसमें मुझे देर हो गई, जिस कारण से मुझे रात को वहीं रुकना पड़ा।
मुझे जरा सा भी अहसास नहीं था कि मेरे सुनहरे पल उस रात से ही शुरू होने वाले थे। मेरे साले-सालियाँ जिनमें मेरी चाचा ससुर की लड़कियाँ भी शामिल थीं। जैसे-जैसे रात जवान होती रही वैसे-वैसे धीरे-धीरे सब अपने-अपने बिस्तरों में जाते रहे। अंत में मैं और मेरी जवान साली ही बचे।
हम दोनों एक ही बिस्तर में लेटे थे, अचानक मेरा हाथ उसके पैरों पर पड़ गया, पर उसने उसे हटाया नहीं। जिस कारण मुझे कुछ अलग ही अहसास होने लगा था।
धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी जांघों तक पहुँच गया, पर उसने एक बार भी मेरा हाथ नहीं हटाया जिस कारण से मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और मैं फिर अहिस्ता-अहिस्ता से उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलता रहा।
जब मैंने मेरी साली की तरफ देखा, तो उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं।
उसे सिसकारियाँ लेते देख कर मेरे हथियार ने भी खुले में आने की सोच ली थी और अब वह मेरी पैन्ट में एक तम्बू की तरह दिख रहा था। परन्तु अपनी सतर्कता को देखते हुए हम दोनों अपने-अपने जज्बातों को काबू में रखते हुए अपने-अपने बिस्तरों पर सो गए तथा हम दोनों ही एक-दूसरे के सपनों में खो गए।
अगली सुबह जब हम दोनों नींद से जागे तो अचानक ही मेरी सासू माँ को किसी जरुरी काम के कारण कहीं बाहर जाना पड़ गया और मेरी सासू माँ के साथ-साथ मेरी पत्नी भी अपनी माँ के साथ ही जाने लगीं।

जाते समय उसने मेरी साली से कहा- तुम्हारे जीजा यहाँ नए हैं, इस कारण इन्हें यहाँ किसी भी काम या किसी चीज की आवश्यकता हो तो पूरी कर देना, मैं मम्मी के साथ जा रही हूँ।
उसने जाते-जाते मेरे पास आकर प्यार से कहा- अब और कितनी देर तक सोओगे… सुबह हो चुकी है.. मैं किसी जरूरी काम से मम्मी के साथ बाहर जा रही हूँ और शाम तक ही वापस आना होगा।
उसकी इस बात को सुन कर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि अब साली साहिबा से जी भर कर प्रेमलीला हो सकेगी।
उन दोनों के जाते ही मैंने अपनी साली को रसोई में जाते देखा। पूरे घर में केवल हम दोनों ही थे। मैंने अपनी साली को चाय लाने के लिए कहा और जैसे ही वह चाय लेकर मेरे पास आई, मैंने चाय का कप साइड में रखते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
मेरी इस हरकत से मेरी साली की अन्तर्वासना जागृत होने लगी, उसकी सांसे भारी हो गई और उसके वक्ष-उभार ऊपर-नीचे होने लगे।
मैं उसकी छाती के उभारों को ऊपर-नीचे होते हुए देख रहा था और महसूस कर रहा था।
‘साली जी..!’
‘हाय जीजा.. क्या करते हो..! कोई देख लेगा तो बदनामी होगी… छोड़ दो न प्लीज.. क्या कर रहे हो..!’
‘मेरी प्यारी साली.. आज मैं तुम्हें वो सुख देने जा रहा हूँ जिसके बारे में तुमने कभी सोचा नहीं होगा..!’
अब मैं धीरे-धीरे उसको बाँहों में जकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। पहले तो वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही किन्तु कुछ ही देर बात उसने अपने आप को मेरे हवाले कर दिया। मैंने भी उसके कुंवारेपन को जानते हुए धीरे-धीरे प्यार के साथ अपना काम करता रहा और एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में ही थी।


जैसे ही मैंने उसके पेट पर अपना हाथ फेरते-फेरते उसकी पैंटी पर ले गया, मुझे उसकी पैंटी पर कुछ गीला-गीला सा लगा तो मैंने पैंटी उतार दी और उसकी चूत में उंगली डालने लगा।
मुझे तुरंत ही उसका लाभ भी मिला, मेरी साली ने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर मेरी पैन्ट से बाहर निकाल कर उसे हाथ से मसलने लगी।
मैं भी अब धीरे-धीरे उसके पूरे बदन को चूमने लगा और चूमते-चूमते उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी।
जैसे ही मैंने मेरे होंठ मेरी साली की चूत के होंठों से टच ही किए थे कि मेरी साली की एक सीत्कार भरी लम्बी ‘आह ह्ह’ निकल गई।
‘बस जीजा.. आज के लिए इतना ही रहने दो.. कोई आ जाएगा.. तो बदनामी होगी..!’
लेकिन लम्बे अरसे के बाद फंसी मछली को मैं भला ऐसे कहाँ छोड़ने वाला था। मैंने उसको कसकर अपनी पकड़ में बाँध रखा था और मैं जानता था कि अब उसे अगर मैंने खुश कर दिया तो फिर मैं उसे कभी भी चोद सकता हूँ।
‘अरे मेरी प्यारी साली साहिबा.. थोड़ा सा तो रुको..!’
और मैंने अपनी जीभ को चूत में घुमा रहा था जैसे ही मैंने उसके क्लिट पर जीभ घुमाई, वो तड़फ उठी और मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी।
ऐसा लग रहा था कि जैसे अब उसने पूर्ण रूप से अपने आप को मेरे हवाले कर दिया हो और मैं लगातार उसकी प्यारी सी चूत में अपनी जीभ चला रहा था, वो धीरे-धीरे अपने चूतड़ को ऊपर-नीचे कर रही थी।
उसके बाद मैं समय को बर्बाद न करते हुए अपने अंतिम चरण पर आ गया और इतने टाइम में मेरी साली भी अपनी पूरी मस्ती में आकर अपनी दोनों टांगें इतनी ऊपर उठा दीं कि अब मुझे उसकी खुली हुई चूत साफ-साफ दिखाई देने लगी। अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह से चूत पाने के लिए मदहोश हुआ जा रहा था।
मैंने अपना लंड अपनी जवान साली की चूत पर रख दिया और हल्का-हल्का उसकी चूत को अपने लंड से सहलाता रहा।और जैसे ही मेरे लंड का कुछ ही हिस्सा चूत के अन्दर गया, वो तड़फ उठी। मगर इस मिलन का वो भी पूरा मजा लेना चाहती थी, तो उसने खुद ही अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका लिए और अब मुझे उसके चेहरे से उसका दर्द साफ दिखाई दे रहा था। लेकिन मैंने भी उसका ध्यान करते हुए आराम-आराम से चुदाई करना जारी रखा।

कुछ देर बाद मेरा लौड़ा पूरी तरह उसकी चूत में प्रवेश करके उसे आसमान में होने का अहसास करा रहा था। अब मैं अपनी तूफानी रफ़्तार में उसको आसमान की सैर करा रहा था।
कुछ ही देर में सोनम बोली- आआआ.. आआअह.. जीजा मैं तो आ रही हूँ… आज से पहले मुझे इतनी ख़ुशी कभी नहीं मिली..!
और कहते हुए झड़ गई। अब वो ढीली पड़ चुकी थी और कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया।
मस्ती के आलम में हम दोनों शिथिल हो कर एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहे फिर कुछ देर बाद उठ कर मैं उसके साथ नहाया और फिर सो गया।
उसके बाद तो जैसे हम दोनों जब भी मिलते एक हो जाते और आज भी मैं बिना अपनी बीवी को बताए उसको खुश करता रहता हूँ।


July 17, 2014

MANSI WITH SEX

बात उस समय कि है जब में जबलपुर में पढ़ता था.उस समय मेरी गर्लफ्रेंड मानसी मेरे साथ इटारसी से मेरे साथ जबलपुर आ रही थी लेकिन जबलपुर पहुँचने में ट्रेन लेट हो चुकी थी रात के ग्यारह बज चुके थे और हमें करमेता जाना था स्टेशन के बाहर एक बस बड़ी मुश्किल से आधा घंटे के बाद मिली समय गुजरता जा रहा था और बस में भीड़ बढ़ती ही जा रही थी, जिससे

July 13, 2014

FUCK OF WIFE SIS

मेरी एक साली है जो बहुत ही खूबसूरत है, उसका नाम है नीना ! दिखने में बहुत ही खूबसूरत है, उसका फिगर बड़ा ही गजब का है, मेरा मन हमेशा उसको चोदने को करता है लेकिन मेरी पत्नी मुझे उसके पास ठहरने ही नहीं देती लेकिन नीना की तरफ से कुछ कुछ सहमति थी बस हमें मोका

July 6, 2014

ENJOY JABALPUR

मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ।और मै यूनिवर्सिटी से बी कॉम कर रहा हूँ, मेरी उम्र २२ साल है, एक दिन हमारे कॉलेज की एक बहुत ही सुंदर लड़की जिसका नाम कविता रॉय है, से मेरी दोस्ती हो गई।कविता गोरे रंग की सुन्दर और सेक्सी लड़की है। वो कटनी की रहने वाली है। कुछ ही दिन बाद मेरा जन्म-दिन था, मैंने उसे और अपने कुछ दोस्तों को पार्टी के लिए इन्वाइट किया।वो ०३ अगस्त का दिन था। वो जब आई, तो आते ही उसने मुझे विशकिया। फिर हम सबने साथ में लंच किया। उसके बाद मैंने उसे ड्रिंक के

June 30, 2014

sex on the night

बात तब की जब मैं बीकॉम सेकंड कर रहा था। इसी क्लास हमारे इंस्टिट्यूट में जगदलपुर  से एक लड़की ट्रांसफ़र हुई थी उसका नाम कामनी रॉय था। वो काफ़ी सुंदर और  फ़ीगर एक दम मस्त था ३६ २३ ३२ का। और वो एक दम गोरी चिट्टी लड़की थी। मेरा तो मन उसे देखते ही पागल हो गया कि साली को अभी पकड़कर चोद डालो . मैने उस से केन्टीन में मौका

April 22, 2014

ONLY FUCK

मैं अमित 25 साल, कटनी में रहता हूँ। और मेरा भाई २८ साल का है और एक  साल पहले उसकी शादी रागिनी से हुई है। वो एक बड़ी कम्पनी में इंजीनीयर

March 12, 2014

MOM SEX

मेरी कटनी में किराना की दुकान है और में ज़रूरत पड़ने पर होम डिलेवरी भी करता हु तो बात
तब की है जब मेरी गर्ल फ्रेंड ने दोपहर को फोन किया और कुछ किराना का सामान मंगाया में दोपहर में खाली था.तो में बड़े से थेले में सामान रखा और उसके घर चला गया.वहां जाकर

February 21, 2014

night ride

एक रात ऑफिस से लौट रहा था मैं बारिश में कार चलाता हुआ जबलपुर के
शास्त्री ब्रिज से नीचे पंहुचा था कि आगे रास्ते में किसी लड़की की कार ख़राब हो गई थी,और वो परेशान दिख रही थी मैने कार रोककर पूछ लिया, तो बोली कि मेरी कार ख़राब हो गई है प्लीज़ क्या आप मुझे घर के लिफ्ट देंगे? रात के करीब 9.३० हो चुके थे कोई सर्विसिंग सेंटर खुलने की उम्मीद नहीं थी मैने बोला चलिये बैठिए, वो मेरी कार में आकर बैठ गई, तब मैने देखा की वो काफ़ी खुबसूरत थी, करीब ३०साल की होंगी। और वो जींस और टीशर्ट और उसके ऊपर काला कोट पहने हुई थी ,पूछने पर पता चला की वही प्राइवेट जाब करती है और आज ज्यादा देर हो गयी थी और उसका नाम कनिका था.उसको देखकर मेरे मन में हलचल सी होने लगी, कुछ ही देर हम लोग काफी घुलमिल गए.उसका घर अधारताल में था.उसका जब घर आया तो वो बोली प्लीज़ अंदर आइये बारिश धीमी है लेकिन थोड़ी देर रुक जायेगी जब तब तक कॉफ़ी पीते है। मेरा मन भी यही चाहता था। सो उसके घर रूक गया फ़िर देखा कि वहां कोई नहीं था। पूछने पर पता चला की उसका पति नेवी में थे और वे कोचीन में थे.और घर में सिर्फ एक नौकरानी थी जो खाना बनाकर चली जाती थी. घर के अन्दर आकर में टेलीविजन देखने लगा और कनिका ने अन्दर जाकर मेरे लिए कॉफ़ी बनाकर लायी और कपड़े बदलने को कहकर कमरे में चले गयी
अचानक बिजली कडकी और अन्दर छा गया में थोड़ी देर बेठा रहा लेकिन कनिका नहीं आयी मेंने आवाज लगाते हुए अंदर गया तो किसी से टकरा गया वो कनिका थी वो आलमारी में मोमबती ढूढ़ रही थी टकराने से वो गिरने लगी थी और मेंने उसे अनजाने ही कमर पकड़ लिया था तभी लाईट आ गयी तो देखा.कनिका आँख बंद किये हुए है और सुन्दर गोरा चेहरा मेरे सामने हैऔर मेरे हाथ कमर में है. मेने अब मेरे होंठ अपने आप ही उसके अधरों को चूमने लगे वो भी मुझे किस करने लगी और कनिका के हांथ मेरे पीठ पर आकर जकड गए वो आन्दित हो रहीथी मेरे हाथ अब उसके बूब्स पर आ गए और उसके नुकीले चुचे को सहलाने लगे.तभी कनिका ने आँखे खोल दी और मेरे हांथ उसके चूचो से हट गए लेकिन वो बोली प्लीज़ दबाओ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. और उसने मेरा हाथ पकड़ कर वापस अपने बूब्स पर रखा और बोली,इस बारिश भरी रात और हम तुम आज एन्जॉय करते है.... मुझे भी सेक्स की भूख थी और कनिका को भी ....सो में फिर से उसके नाजुक लिप्स को चूमने लगा और बूब्स को सहलाने लगा और थोड़ी देर बाद उसके शरीर से कपड़े उतारने लगा,उसने टीशर्ट और लोअर पहना था कुछ देर बाद अब वो मेरे सामने काली ब्रा और पेंटी में थी मैने कनिका को सर से पांव तक किस करता हुआ उसकी नाभि की चाटने लगा और उसकी पेंटी को नीचे खीच दिया और देखा तो कनिका की चूत एकदम साफ़ थी और रसीली भी हो गई थी और काफी तंग थी। अब मैने चूत पर जैसे ही अपने होंठ लगाये और उसकी रसभरी चूत को चूसने लगा और वो सिस्कारिया उह्ह्ह आह करने लगी और मैं अब जोर से चूमने लगा.अचानक कनिका ने मुझे खड़ा होने के लिये बोली और मेरी शर्ट निकाल दी और मेरा पैंट भी उतार दिया मैने अपनी अंडर वियर भी उतार दी और 7 इंच का लंड अपना सीधा तना हुआ था तो कनिका देखती ही रह गई और मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर पर आ गए और मेने कनिका को लिटाया और उसकी चूत में जीभ से सहलाने लगा कनिका पूरी तरह उतेजित हो उठी उसने मुझे लंड डालने को कहा.अब मेने कनिका की टांगो अपने दोनों तरफ फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में सहलाते हुए चूत पर दबाया और हल्का सा झटका दिया उसकी चूत तंग होने के कारण लंड नहीं जा पाया अब मेंने कनिका की कमर को जकड़ा और जोर से झटका मारा अब लंड ने चूत की दीवारों को हटाते हुए अन्दर गया लेकिन मेरे लिंग मुंड ही अंदर जा पाया कि कनिका के मुंह से ऊऊईईईइमा आवाज़ आयी तो मैने कहा कि अरे अभी तो मेने पूरा भी नहीं डाला है तो क्यों चिल्ला रही हो तो कनिका बोली पिछले चार महीने से सेक्स नहीं किया है मैने कहा कोई बात नहीं में धीरे से करूँगा अब में अपना मुंह कनिका के मुंह के पास ले जाकर चूमने लगा और जोर से झटका दिया अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में पूरा घुस गया और कनिका चिल्लाई आआईईईईइ ऊऊऊओह्हह मार डाला. लेकिन उसकी सभी आवाजें मेरे मुंह में ही दबी रह गयी अब में कुछ देर कनिका को किस करता रहोर उसके बूब्स को सहलाता रहा की उसका दरद कम हो जाए फिर मैं होले होले लंड को कनिका के चूत से अन्दर बाहर करने लगा और अब कनिका को धीरेधीरे मज़ा आने लगा और अब हम में तेजी से उसका योनी मंथन करने लगा कनिका के मुंह से सिस्कारिया की आवाज आने लगी उह्ह आह उफ्फ्फ “nice come on”अब वह नीचे अपने चूतड़ भी उछालने लगी और करीब बीस मिनिट के बाद हम दोनों का स्खलित होने लगे हम लोगों ने आपस में शरीर को जकड लिया और किस करते हुए मेने अपना वीर्य उसकी चूत में ही स्खलित कर दिया हम दोनों बारिश वाली रातों में तीन बार और चुदाई की और कनिका पूरी तरह तृप्त हो गयी थी ,और बाद में जब भी हमारा सेक्स सम्बन्ध कई साल चला