November 6, 2013

colorful night

में कटनी रहने वाला हु और मेरी कटनी में कंप्यूटर की दुकान है करीब दो महीने पहिले मुझे अपने काम के सिलसिले में इटारसी जाना पड़ा था ।इटारसी में मेरे बुआ का घर था लेकिन उनका घर छोटा था और गर्मी भी थी इसलिये मैं छत पर जाकर
सोने गया था हमारे घर की छत सभी के छत से मिलती थी और पड़ोस में मेरी गर्ल फ्रेंड अंजली भी रहती थी मेने उसे फोन कर बता दिया की में रात को ऊपर ही सोउगा और वह अपने छत पर अकेली सोने को कह दिया था मेरी अंजली करीब चोबीस साल की थी। बेहद सुन्दर, तीखे नाक-नक्श, लम्बा चेहरा, गोरी रंगत और गठीले बदन की थी.अब रात को खाना खाकर में छत पर अंजली का इन्तजार करने लगा लेकिन वो आई ही नहीं मोबाइल भी स्विच ऑफ़ बता रहा था रात के करीब ग्यारह बज गए थे और इन्तजार करते करते में सो गया  रात करीब दो बजे मैं नींद में ही था कि लगा जैसे कोई मेरे छत पर चुपचाप आ रहा है। मैंने आँख खोलकर देखा तो वो अंजली थी। मुझे कुछ अजीब सा लगा, इसलिए मैं चुपचाप पड़ा रहा। अब अंजली पास में आकर बैठ गयी और मेरे गालों को सहलाने लगी में लुंगी में था कुछ देर गाल सहलाने के बाद वो झुककर मुझे किस करने लगी  मैं उठ बैठा।
उसने पूछा- क्या हुआ देर से आने से नाराज हो क्या?
मैंने कहा- नहीं, पर तुम इतनी रात में ...?
उसने कहा-प्यार में भी इन्तजार होता है ये सुनते ही मैंने अंजली का हाथ पकड़ कर अपने करीब खींचा और सीने से लगा लिया। सीने से लगते ही मेने उसके भरे गालों को चूम लिया। इससे अंजली अमरलता के समान मुझ से लिपट गई । उसके भरे बूब्स मेरे सीने से दबने लगे।और मेरे होटों ने उसके होठो और गालो को चूमना शुरू कर दिया और एक हाथ से धीरे-धीरे उसके उरोजों को  ऊपर से ही दबाने-सहलाने लगा उसके  मस्त, गोल, नर्म बूब्स थे। मैने उसके कान में फुसफुसा कर कहा कि अपनी सलवार कमीज उतार दो. तो पहले तो वह मना करने लगी.लेकिन जब मैने उसकी कमीज ऊपर उठानी शुरु कि तो उसने कहा रुको बबा तुम तो मेरे कमीज के बटन ही तोड़ दोगे मै ही उतार देती हु. और यह कहकर उसने अपनी कमीज के बटन खोल कर कमीज उतार दी अब वह सिर्फ ब्लैक ब्रा और सलवार में थी. मै उसको देखता रहा गया। मैने अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख ब्रा के ऊपर से ही दबाने लग गया और दुसरे हाथ से में उसकी गांड को सहला रहा था अंजली का चेहरा सुर्ख हो गया था और उसके होंटों से अह्हह्ह अह्हह्ह ओह्हह्ह की  सिसकारी निकलनी शरू हो गयी थी  इस समय मेरे दोनो हाथ बूब्स और गांड को मसलने में लगे थे साथ ही लिप किस भी चल रहा था फिर मेने धीरे से एक हाथ से सलवार को नीचे किया उसकी इलास्टिक वाली सलवार होने के कारण तुरंत ही नीचे हो गयी फिर मेने उसको बिस्तर पर लिटा कर उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी अब वह पूरी नंगी हो चुकी थी और मै उसके ऊपर चढ़ गया और हाथ से उसके सर को उठा कर उसके होठो को किस करने लगा अब तो अंजली मदहोश हो गयी वह कसमसाने लगी अब मेने लुंगी खोली और अपना 7 इंची लोड़ा निकाल लिया. इसी बीच में अंजली ने अपनी टांगे मेरे चारो तरफ लपेट ली और अपनी चूत को मेरी जांघो में रगड़ने लगी रगड़ने से ही वो बेचेन मछली की तरह छटपटाने लगी। और उसकी  योनि पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेने कुछ कहे बिना अपने लिंग को उसकी योनि के द्वार पर रखा और सहलाते हुए एक जोरदार झटका दिया। अंजली की चूत काफी कसी हुई थी इस कारण से उसे थोड़ी तकलीफ़ हुई पर उसने कुछ नहीं बोल पाई  सिर्फ अपने होंठों को जोर से भींच लिया और अपनी बाहों को मेरी पीठ में गडा दिया जिससे मेरे पीठ में नाख़ून धस गए में दर्द से कराह उठा लेकिन मैने उसे फिर एक जोरदार झटका दिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया  था। उसके बाद थोड़ी देर लंड को योनी के अंडर रखकर में आगे पीछे करने लगा कुछ ही देर में उसे भी मजा आने लगा। अब उसके मुंह सिस्कारिया फूटने लगी फिर मैने धीरेधीरे  अपनी स्पीड बढ़ाते हुए फ़ुल स्पीड कर दी। अब वो जोश में चिल्लाने रही थी.प्लीज जोर से चोदो, प्लीज।ऊऊऊओ ऊ अह्ह्ह्हह्ह्छ ऊऊऊऊह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह उम्मम्म्म करीब 15 मिनट तक मैं उसे जमकर चोदता रहा। फिर उसकी चूत में से पानी निकल गया और उसने मुझे और जोर से पकड़ लिया। अब मैं समझ चुका था कि उसका पानी निकल चुका है। वह अब निठाल हो चुकी थी अब मैने अपनी गति और तेज की फिर थोड़ी देर में मेरा भी वीर्य निकलने लगा तो में अंजली के ऊपर लेटा रहा। करीब दस मिनट हम गले लगकर इसी तरह पड़े रहे

                                                           लेखक विनीत कुमार 

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