मैं माया हूँ मैं बी टेक की छात्रा हूँ। मैं आपको अपनी कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरे साथ उस समय बीती। मेरे मम्मी पापा सरकारी नौकरी मे हैं। इस लिये दिन भर मैं घर मैं अकेली रहती थी।
हमारा एक नौकर जिसका नाम राहुल है, भी हमारे साथ ही रहता है। उसकी उमर करीब 26 साल है और वो एक अच्छा और ताकतवर आदमी है।
एक दिन मैं अकेली बैठी थी। पेरेन्ट्स अभी अभी ऑफ़िस गये थे।राहुल मेरे पास आया और कहने लगा- क्या कर रही हो?
मैं बोली- कुछ भी तो नहीं।
वो बोला- माया , अगर बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं।
मैं बोली- कहो।
उसने कहा- माया आज मुझे अपनी
घरवाली की बहुत याद आ रही है।
उसकी घरवाली जबलपुर के गांव मे रहती है।
मैंने कहा- बोलो, मैं क्या कर सकती हूँ।
वो बोला- माया , मेरे साथ थोड़ीबात कर लेना। इससे मेरा दिल बहल जायग।
मैंने कहा, कोई बात नहीं ।
मैं उसके घर परिवार के बारे मैं पूछने लग गई।
बातों बातों में वो बोला- माया , हम अपनी घरवाली के साथ सेक्स का बहुत मज़ा लेते हैं।
मैं पूछ बैठी- यह सेक्स मैं क्या मज़ा होता है।
उसने कहा- मेम साहब आज आपको पूरी तरह में समझाता हूँ।
फिर उसने कहा- पहले मैं उसके सारे कपड़े उतार देता हूँ, फिर उसके सारे शरीर को चूमता हूँ, फिर उसके बदन पर अपना हाथ फ़िराता हूँ, ऐसा करने से वो भी मस्त हो जाती है। मैं फिर उसके मम्मे चूसता हूँ।
मैने उसको टोक दिया- मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रही है।
वो बोला- मेम साहब, फ़िकर नोट, मैं आपको प्रेक्टिकल करके बताता हूँ।
इससे पहले मैं कुछ समझ सकती, वो मुझे चूमने लगा।
मैने उसको एक जबरदस्त धक्का दिया और वो दूर जाकर गिरा। वो मेरे पास आया और बोला- आज तो मैं तुम्हे नहीं छोड़ूंगा।
उसने मुझे बालों से पकड़ लिया और अपनी तरफ़ खींच लिया। मैं उस दिन स्कर्ट टॉप पहने थी। उसने मेरे दोनो हाथो को पकड़ लिया और एक हाथ से पीठ के पीछे अपने एक हाथ से कस
दिये। और वो मेरे लिप्स को चूसने लगा। उसकी सांसो से शराब के स्मेल आ रही थी। मैं उससे छूटने के लिये जोर लगा रही थी। पर वो एक ताकतवर आदमी था। वो बोला रिचा मेम साहब, तुमहरे
लिप्स बहुत रसदार हैं। इतने रसभरे लिप्स तो मेरी घर वाली के भी नहीं हैं।
मैने कहा- राहुल बहुत हो गया। अब मुझे छोड़ दो वरना मैं,,,,,,
वो बोला- मेम साहब, मैं तुम्हारी अच्छी तरह चुदाई करना चाहता हूँ।
अब मैं बुरी तरह डर गई और छूटने के लिये जोर लगाने लगी। अचानक उसने मुझे पीठ के पीछे से पकड़ लिया और मुझे लेकर सोफ़ा पर बैठ गया। मैं उसकी गोद मैं बैठी थी। उसने अपने हाथ मेरे पेट पर चलना शुरु कर दिया।फिर धीरे धीरे वो अपना हाथ को उपर मेरी छाती पर लाने लगा। मैं भी उसके हाथो को पीछे करने लगी। अचानक उसका हाथ मेरी छाती पर आ गया। वो मेरी छाती को कस कर दबाने लगा। यह मेरे लिये बहुत उतेजजित करने वाला था उसने मेरे मम्मों को मसलना जारी रखा। फिर दूसरे हाथ से उसने मेरे टॉप का बटन खोल दिया। वो अपना हाथ टॉप के अन्दर ले गया मेरे शरीर मे सनसनाहट सी होने लगी। जीवन मैं पहली बार किसी का हाथ मेरे मम्मो पर लगा था। कुछ समय के लिये उसका छूना मुझे अच्छा लगा पर वो बहुत जोर जोर से दबा रहा था। फिर उसने मेरे निप्प्ल को ढूंढ कर उसे मसलना शुरु कर दिया। मेरे निपल कुचलने से मेरे बदन में मीठी सी आग भरने लगी। मेरे तन बदन मैं एक मस्ती सी छानी शुरु हो गई थी। मेरी चूत गीली होने लगी थी। पर वो इससे अन्जान था। थोड़ी देर के बाद उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे टॉप को थोड़ा ऊपर उठाया और फिर दोनो हाथो से एक झटके साथ टॉप को उतर कर फैंक दिया। फिर उसने मेरी ब्रा के स्ट्रेप्स नीचे कर दिये और मेरे मम्मे ब्रा से बाहर उछल कर आ गये। उसने दोनो मम्मो को पकड़ लिया और धीरे धीरे दबाने लगा।कितना मधुर अहसास था। मुझे अब होने वाली मस्त चुदाई मस्ती छाने लगी थी। उसने मुझे खड़ा किया और मेरी स्कर्ट का हुक खोल दिया और एक झटके के साथ मेरी स्कर्ट और पेण्टी को उतार दिया। इस तरह उसने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया। फिर उसने अपनी शर्ट और लुन्ग़ी खोल दी। वो भी पूरी तरह नंगा था।उसका शरीर बहुत ताकतवर था और उसका लण्ड करीब ८ इन्च लम्बा था और करीब 2 इन्च मोटा था। पहले तो मै उसे देखती ही रह गई। उसका शरीर गठा हुआ था। लण्ड उफ़नता हुआ,बहुत ही तन्ना रहा था। फिर उसने मुझे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और मेरे उपर सवार हो गया। पहले उसने मेरे सारे शरीर को चूमा फिर उसने मेरे मम्मो को दबाया फिर उन्हे अपने मूह मैं लेकर बारी बारी चूसने लगा। एक मस्ती का एहसास मेरे दिलो दिमाग पर हावी होने लगा। उसके शरीर का लुभावना दबाव मुझ पर परने लगा। मेरी चूत मैं एक मस्ती भरी खुजली होने लगी। खुजली बढती ही गई। मेरे निप्पल तन कर खड़े हो गये थे। उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक झटका लगा दिया। लण्ड थोड़ा सा अन्दर चला गया।मैं चीख पड़ी, आआई आआह् फिर उसने एक जोरदार झटका मार दिया और लण्ड करीब आधा अन्दर चला गया। मेरी सील भी टूट गई। मेरी चूत से खून बहने लगा। मैं चीखना चाहती थी पर उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मैं लेकर दबा रखा था। वो बोला माया तुम बहुत मस्त हो। आज तुम्हारी सील तोड़ने मैं मज़ा आ गया। उसने एक और जोरदार झटका लगाया और उसका लण्ड पूरी तरह मेरी चूत मैं घुस चुका था। मैं चीखना चाहती थी पर चीख नहीं सकती थी। मैरी आंखो से आंसु टपक रहे थे।
वो बोला- थोड़ी देर रुक जाता हूँ। फिर उसने मेरे मम्मो को चूसना शुरु कर दिया। इससे मुझे बहुत आराम मिला और मेरा दर्द भी कम हो गया। फिर उसने धीरे धीरे लण्ड को अन्दर बाहरकरना शुरु कर दिया। फिर दर्द की एक धीमी लहर उठी, पर अब साथ मैं मज़ा भी आ रहा था। कुछ देर बाद दर्द पूरी तरह से खतम हो गया। अब तो बस मज़ा ही मज़ा था। उसने पूरी मस्ति के साथमेरी चुदाई की। उसका मोटा मस्त लण्ड मेरी चूत की खुजली मिटाने में लगा था। मैने भी अपनी गाण्ड को उठा कर उसका साथ दिया। खूब उछल उछल कर उससे चुदवाया। थोड़ी देर के बाद मैं झड़ गई।पर वो अभी तक पूरी जोर से चुदाई कर रहा था।उसने मेरी टांगे ऊपर उठा दी। फिर उनको लेफ़्ट घुमा दिया और मेरी गाण्ड से पकड़ कर मुझे घोड़ी बना दिया। इस पोजीशन मैं मुझे बहुत मज़ा आया और मैं एक बार फिर से चरमसीमा तक पहुंच गई। पूरे एक घण्टे की चुदाई के बाद वो ठण्डा हुअ। 15 मिनट के बाद उसने फिर से मुझे पकड़ लिया और मेरी चूत को चाटने लगा। उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अन्दर घुसा दी। मैं फिर से आनन्द के सागर मैं गोते लगाने लगी। मुझे अथाह सुख मिलने लगा था। अब की बार उसने मुझे लेटा दिया और अपना लण्ड मेरे मुख मैं डाल दिया। लण्ड बहुत ही मोटा था। फिर भी मस्ती में मैने उसे खूब दबा दबा कर चूसा। उसके सुपाड़े को को दांतो से खूब कुचल कुचल कर उसको मस्त कर दिया। वो तो मस्त जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा। इस तरह मैं एक बार फिर गरम हो गई। अब कि बार उसने मुझे बेड के सहारे खड़ा कर दिया और मेरी चिकनी गाण्ड मैं अपना लण्ड घुसेड़ दिया। उससे मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुया। करीब आधा घण्टा तक मेरी गाण्ड चोदने के बाद वो ठण्डा हो गया। मेरा एक एक अंग दुख रहा था। उसके बाद उसने साढे तीन बजे तक मेरी तीन बार चुदाई की . माया
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