August 1, 2015

my sex


मेरा नाम सोनू हैमें बीए कर रहा हूँमेरी उम्र २० वर्ष की है।मैं जबलपुर में
रहता हूँ। मैं आपको मेरी पहली सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।जो की मेने एक लडकी के साथ जबरजस्ती की थी तो मेरे घर के पास सुनीता नाम की लड़की रहती थीवो भी १९ वर्ष की भरी-पूरी जवान लड़की थी।एक दिन जब मैं अपने घर में काम कर रहा था.. तो सुनीता मेरे पास आई और मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी।मैंने उससे कहा-थोड़ी देर से आना.. मुझे कुछ काम करना है।
मगर वो नहीं मानी। मैं उससे थोड़ी देर तक कहता रहा.. फिर वो चली गई।
तभी मेरी मम्मी को बाज़ार जाना था तो मम्मी ने मुझसे कहा- मैं थोड़ी देर में वापिस आ जाऊँगी.. तुझे चाय वगैरह पीनी हो तो सुनीता को बोल देना.. वो बना देगी।
मैंने कहा- ठीक है।
मम्मी के जाने के ठीक बाद सुनीता फिर से मेरे यहाँ आ गई और फिर मुझे परेशान करने लगी।
मैं आज अपना काम नहीं कर पा रहा था। इतने में सुनीता मेरी कापी छीन कर कमरे में भागने लगी।मैं उसे पकड़ने के लिए खड़ा हुआ और झपट कर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।जब मैंने उसको पकड़ा तो मेरे हाथ उसकी मस्त चूचियों पर आ गए थे, उसकी चूचियाँ बहुत ही नर्म और बड़ी बड़ी थी।मेरे हाथों से उसके स्तन दब रहे थे। अब स्थिति इस तरह बन गई थी कि मेरा लण्ड उसकी गाण्ड पर टिका हुआ था। उसके चूतड़ों की गोलाइयों ने मेरे लण्ड को छूकर उसमें आग सी लगा थी।मेने अपने हातो से उसके चुचो को जोर से दबा गिया और सुनीता को पीछे से उठाकर बिस्तर पर पटक दिया और उसको आगे से पकड़ लिया और उसके होंठों चूमने लगा लगा। वह मुझसे छूटने की पूरी-पूरी कोशिश कर रही थी। मगर मैंनेउसको छोड़ा नहीं।और उसको उपर पूरा भार डाल दिया वह मेरे नीचे दब गई .वो बोली- मैं चिल्ला दूँगी.. मुझसे छोड़ो..मैंने कहा- ठीक है तू चिल्ला के तो देख .और उसके ऊपर लेट गया।अब मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा।थोड़ी देर तक तो वो ना.. ना..करती रही, फिर मैंने अपने एक ही हाथ से उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और एक हाथ से उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया।
वो लगातार नहीं.. नहीं..कर रही थी, फिर मैंने उसके सलवार में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा।थोड़ी देर तक यह करने के बाद वो भी गरम होने लगी, मैंने फिर उसके हाथ को छोड़ दिया और उसके बाद मैं समझ गया कि अब यह भी गरम हो गई है।फिर मैंने उसकी कुरती उतार दी और उसके साथ उसकी शमीज भी उतार दी।फिर मैं उसके स्तनों को सहलाने लगा और उसकी चूत को भी सहलाने लगा। मुझे पता था कि यह पहली बार चुदाई करवा रही है.सुनीता के मुँह से उह्हह्हह्हह्हआह्हह्हह्हह्हकी आवाज आ रही थीं।मैं समझ गया था कि यह अब यह माल पूरी गर्म हो गई है, मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए, अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी।मैंने भी फिर अपने कपड़े उतारे और तेल की शीशी ले कर आया।
मैंने अपने 7 इन्च के लण्ड पर तेल लगाया जो कि खड़ा हो गया था। उसके बाद उसकी चूत पर भी तेल लगाया। और मैंने जैसे ही अपना थोड़ा सा लण्ड उसकी चूत में दबाया तो वह जोर से चिल्ला दी।
ऊऊओ.. म्मम्मम्मम्मी.. आआ.. आहहअ.. अईईए.. नहीं.. ईईई.... बाहर.. निकालो..मैंने अपना लण्ड निकाला और कहा- थोड़ा तो दर्द होगा.. तू इतनी ज़ोर से मत चिल्लाना।
उसने रुआंसे होते हुए कहा- ठीक है.. मगर थोड़ा धीरे-धीरे डालना।मैंने फिर से अपना लण्ड उसकी चूत में डाला.. तो वह फिर से चिल्लाई।अबकी बार मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और उसके मुँह को चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद उसका चिल्लाना कम हुआ।फिर मैंने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके ज़ोर से एक झटका दिया और अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया ।वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई- मम्मई.. नहीं ईईई.. अई..आ.. आआअहह.. निकालो ऊऊऊ..
फिर मैंने उसका मुँह से अपना मुँह लगा। लिया और वो ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी। उसकी चूत में से खून आने लग गया मैंने उसके चिल्लाने पर भी उसे चोदना नहीं छोड़ा और चोदता ही चला गया। थोड़ी देर के बाद मेरे लण्ड से सफ़ेद गाढ़ा सा वीर्य निकलने को हुआ.. जो मैंने बाहर निकाल दिया।मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही थोड़ी देर लेटा रहा। मेरे लण्ड को उसकी चूत में से बाहर निकालने बाद ही उसने शान्ति की सांस ली और कहा- अब मैं आपसे कभी नहीं चुदवाऊँगी।
मैं उससे कहा- तू अपना खून साफ़ कर ले और कपड़े पहन ले।

मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद अपना काम करने लगा गया