December 31, 2013

गोदाम के अंदर सेक्स

ये २ साल पुरानी बात है.में काम की तलाश में सतना गया था वही पर मे एक घर पर किराये पर रहने लगा वही पर मकान मालिक की लड़की जिसका नाम रत्ना था .में उसी को लाइक करने लगा रत्ना करीब बीस साल की थी। लेकिन बहुत सुन्दर तीखे नाक-नक्श गोल चेहरा गोरी रंग और गठीले बदन की थी. उससे मेरा मजाक चलता रहता था एक दिन मेने उससे उसका मोबाइल नम्बर
मांगा तो उसने अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिया। अब में उससे जाब भी समय मिलता बात करता रहता इस तरह एक दिन मोबाइल में प्रपोस कर दिया उसने तुरंत मोबाइल बंद कर दिया अब कॉल करो तो भी वह नहीं उठाती.में समझ गया अब मेरी मुश्किल है करीब दो एक सप्ताह बाद में जाब घर में अकेला था तो वो मुस्कराती आई में सर नीचे किया बेठा रहा रत्ना ने मेरे सर को ऊपर कर पूछा क्या बात है नाराज हो में बोला नहीं तुम मेरा कॉल क्यों नहीं उठ रही हो तो उसने मुझे कहा इतना प्यार करते हो में उसे कहा कोई शक है वो मेरे गले लिपट गयी में तुम्हे आजमा रही थी. अब हम लोग रोज रात को मोबाइल पर घंटों बातें करने लगे धीरे धीरे सेक्सी बाते भी होने लगी मैं एक दिन उससे कहा कि रात को कुछ हो जाये तो वो मान गयी। और हमने मिलने की जगह घर के पीछे गोदाम पर फ़िक्स किया जब रात को सब सो गए तो में चुपचाप निकलकर गोदाम में आ गया थोड़ी देर में रत्ना भी आ गयी जैसे ही वो आई मैने उससे कहा अब तो तुम मेरी हो अब तो मेरे पास आ जाओ और रत्ना मुझसे लिपट गयी। मैने उसे गोद मे उठाकर पुआल में लिटा दिया लिया और मैने कहा तुम्हे कैसा लग रहा है और फिर मैने उसे धीरे-धीरे गरम करना शुरु किया। मैं अब होले होले उसके बूब्स को ऊपर से ही सहलाने लगा। साथ मैंने उसके कुर्ती को उतार दिया वो शर्मा गयी और अपने हाथो से बूब्स को ढक लिया मेने थोड़ा जोर देकर उसके हाथो को अलग किया और उसकी ब्रा को भी दिया साथ ही जीभ से उसके उरोजो को चाटने लगा फिर उरोजो को चाटते चाटते उसके पेट नाभि को चाटते हुये मेने उसके सलवार को खोल दी उसने पतली सी कच्छी पहनी हुई थी.मेने उसे अपने दांतों से फसाकर नीचे खीच दिया और पूरी तरह नंगी हो चुकी थी और खुबसूरत गोरा बदन गोदाम की डिम लाइट में कहर बरपा रहा था अब उसने मेरा बरमूडा को नीचे उतार दिया और मेरे अंडर वियर से लंड को निकालकर चूसने लगी उसको मेरा बड़ा लंड लेने में तकलीफ हो रही थी में भी जन्नत की सेर कर रहा था थोड़ी देर मुह में लेने के बाद में रत्ना की चूत को जीभ से उसकी किल्ट को चूसने लगा इससे वो सिस्कारिया उह्ह आह्ह्ह भरने लगी .अब में उसकी टांगो को फैला कर अपने कंधे पर रखा तथा अपने लंड का सुपाड़ा उसकी योनी पर रख कर एक धीरे से धक्का मारा वो कराहने लगी अरे यार प्लीज़ इसे बाहर निकालो ये बहुत बड़ा है मुझे दर्द हो रहा है अब मैने अपने होंठ उसके होंठों पर रखा और चुम्ने लगा फिर जैसे ही उसका ध्यान किस करने में लगा. तो मेने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.वो दर्द से बिलबिला उठी लेकिन मेने उसे कसकर पकड़ रखा था और लिप से लिप लगाये था जिससे वो कुछ भी न कर पाई अब मेने कुछ देर रुक कर धीरे-धीरे चोदने लगा कुछ देर चोदने से रत्ना को भी मजा आने लगा और वो भी गांड उचका उचका कर मेरा साथ देने लगी मेरा लंड एक सुंदर लड़की के चूत के अंदर-बाहर हो रहा था चूत इतनी टाइट थी कि मुझे लंड में दर्द सा होने लगा था तकरिबन २०  मिनट जम कर चोदने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था और मेने रत्ना के चूत मै एक जोर दार झटके के साथ अपना सारा वीर्य छोड़ दिया उसकी चूत मेरे वीर्य और खून से भर गयीइस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी मेरा लंड कुछ ढीला हुआ तो मैं उसके ऊपर से उठा मैने देखा कि पुआल पर खून गिरा था और मेरे लंड भी खून से तरबतर था और चूत से भी खून बह रहा था. मेने तुरंत अपने रुमाल से उसका खून साफ़ किया रत्ना तो इस बीच टाँगे फेलाए थक कर मदहोश पड़ी थी .थोड़ी देर में उसे किस करता रहा फिर उसे सहारा देकर उठाया और उसे चुपचाप गोदाम से उसके कमरे के बाहर तक छोड़ आया