ROOF ON THE SEX
बात
तब की है.जब में जबलपुर से कोल्कता अपने दोस्त की शादी में जा रहा था, शादी के
करीब दस दिन पहिले ही उनके घर में बुलाने से आ गया था. मेरे दोस्त के घर में चार लोग
ही थे वो, ममी, पापा और एक बहन नम्रता. उसकी बहन नम्रता बहुत खुबसूरत और फ्रेंक
किस्म की थी. और हमारी आपस में अच्छी तरह बनती थी इसी तरह शादी की तैयारी में दिन
बीतने लगे. और भी मेहमान घर में आ चुके थे. घर में लोग होने के कारण हमें छत में
सोना
पड़ रहा था वह मेरे बाजू के बिस्तर पर में सो रही थी वह सोते हुए करवट बदलकर
मेरे पैरो के ऊपर अपना पैर रख दिया. मेरी नींद खुल गई,देखा तो वह पीठ के बल सीधी
सो रही है और उसका सीने का उभार सीधे होने के कारण जैसे दो पर्वत उठे हुए लग रहे
थे. उसके उभारो को देखकर मेरे हाथ अनायास ही उसके सीने पर चले गए और उभारो को
सहलाने लगे. उसकी आख़ खुल गई वह मुस्कराई और धीरे से अपना हाथ मेरे बरमूडा में डाल
कर मेरे लिंग को सहलाने लगी पर छत पर सभी सो रहे थे वो धीरे से बोली पीछे वाले गोदाम
में चलते है और नम्रता धीरे से उठकर नीचे
उतर कर चली गई में भी थोड़ी देर बाद उठा और धीरे से पीछे गोदाम में आया . गोदाम का
दरवाजा खुला हुआ था और अन्दर नम्रता इन्तजार कर रही थी अन्दर घुसते ही हम एक दुसरे
के गले लग गए और बेह्तासा चूमने लगे फिर मेने चुमते हुए मेरे हाथ ने पीछे नम्रता
की कुर्ती की जिप खोल दी और कुर्ती को उतार दिया फिर सलवार का नाडा खोल कर उसे
गिरा दिया अब वो सिर्फ नीली ब्रा पेंटी में सामने थी,नीली ब्रा पेंटी में उसका
दुधिया बदन कयामत ढा रहा था,वो नीचे बैठ गयी और मेरा बरमुंडा और अंडरवियर को नीचे
खीच कर उतार दिया और मेरे लंड को मुहं में से चूसने लगी थोड़ी देर बाद मेने अपनी
टीशर्ट उतर दी और नम्रता को खड़ा कर उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी हम प्राकर्तिक
अवस्था में थे वो गोदाम में रखे पुवाल पर लेट गई और मेने उसकी चूत चाटनी शुरू की
थी और हाथो से उसके निप्पलो को छेड़ना शरू कर दिया वो तड़प उठी और मेरे सिर को पकड़कर
कर चूत में रगड़ने लगी. मेने चूत के मुहाने पर थूक लगाया और आगे आकर अपने लंड को
चूत के मुहाने पर रखकर और हल्का सा धक्का दिया चूत गीली थी. पर मेरा लंड करीब एक
इंच अन्दर ही जा पाया वो रोंआसी सी हो गयी उसे दर्द सा हुआ इसलिये में थोड़ा रुका
और जोर से धक्का मारा.इससे मेरा लंड चूत में पूरा घुस गया नम्रता चिल्लाने को हुई.
लेकिन मेने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया उसकी चीख घुट कर रह गई उसके बाद में
थोड़ी देर रुका और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा जैसे उसका दर्द कम हुआ, उसे
मज़ा आने लगा वो कमर उठाउठा कर मेरा साथ देने लगी अब मेने अपनी स्पीड बढाई, और उसको
मुह से उह आअफ़्फ़्फ़ की आवाजे आने लगी अब में लंड से घोड़े की तरह स्ट्रोक मार रहा था
गोदाम के अन्दर फ़च फ़च की आवाज आ रही थी पन्द्रह मिनट बाद उसने मुझे अपनी टांगो से
कसकर लपेट लिया नम्रता चरम अवस्था में पहुच चुकी थी उसकी चूत का पानी निकल गया वो
निठाल हो गयी थी लेकिन में फिर भी स्ट्रोक दिए जा रहा था पांच मिनट के मेरा भी चरम
आने वाला था तो मेने लंड निकाल कर उसके मुंह में दिया और इसी के साथ मेरा वीर्य
पतन हो गया, उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया, फिर हम दोनों लिपटकर लेते रहे इसी तरह
हम लोग करीब एक घंटे पड़े रहे उसके बाद चुपचाप कपड़े पहन कर गोदाम से निकल कर बिस्तर
पर आ गए
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